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भारत पाक युद्ध के हीरो महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह राजावत। |
भारत पाक युद्ध के हीरो महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह राजावत (Mahavir Chakra winner Brigadier Raghuveer Singh Rajawat) का आज निधन हो गया। ब्रिगेडियर राजावत ने आज जयपुर स्थित में अपने राजावत फार्म में अंतिम सांस ली। उसके बाद दोपहर में पूरे सैन्य सम्मान (Military honors) के साथ उनके फार्म हाउस पर ही उनका अंतिम संस्कार किया गया। कोविड प्रोटोकॉल के चलते सीमित संख्या में परिजन और सैन्यकर्मी ही अंतिम संस्कार के समय में मौजूद रहे।
ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह राजावत का जन्म राजस्थान के टोंक जिले के सोडा गांव में 2 नवंबर 1923 को हुआ था। सोढ़ा निवासी ठाकुर प्रताप सिंह राजावत के सुपुत्र रघुवीर सिंह जी ने 22 जनवरी 1945 में सवाई मान गार्ड्स जयपुर से सेना में कमीशन लिया था। उसके बाद राजावत ने सेना के कई सैन्य और नागरिक कोर्स करने के साथ ही 1974 तक द्यितीय विश्व युद्ध समेत कई युद्धों में भाग लिया। अपने सैन्य सेवा काल में देश के विभिन्न भागों में राष्ट्र की सेवा करने के साथ ही आपने कई एशियाई और यूरोपीय देशों में उच्च सैन्य पदों पर रहते हुये अपने शौर्य और प्रशासनिक कुशलता का परिचय दिया था।
श्री क्षत्रिय युवक संघ: राजपूत समाज की सामूहिक संस्कारमयी मनावैज्ञानिक कर्मप्रणाली
युद्ध भूमि को 20 पैटन टैंकों का कब्रिस्तान बना दिया था
वर्ष 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान पंजाब के खेमकरन-लाहौर सेक्टर में आसल उत्तर की लड़ाई में राजपूताना राइफल्स की एक बटालियन के कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट कर्नल रघुवीर सिंह राजावत ने टैंकों के बीच गोलों की बौछार को झेलते हुये दुश्मन के आर्मड डिवीजन पर निर्णायक हमला किया। इस दौरान उन्होंने युद्ध भूमि को 20 पैटन टैंकों का कब्रिस्तान बना दिया था। उनकी इस बहादुरी और साहसपूर्ण नेतृत्व के लिये 7 सितंबर 1965 को राष्ट्रपति द्वारा लेफ्टिनेंट रघुवीर सिंह राजावत को 'महावीर चक्र' से सम्मानित किया गया।
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सैन्य परंपरा के नये उच्चतम मापदंड स्थापित किये
ब्रिगेडियर राजावत ने भारत-पाक यु्द्ध ही नहीं बल्कि सेना में रहते हुये सैन्य परंपरा के नये उच्चतम मापदंड स्थापित किये थे। कई राष्ट्रीय पुरस्कारों, मैडलों और प्रशस्ती पत्रों से सम्मानित ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह ने 1971 में बांग्लादेश युद्ध के दौरान एक लाख बंदियों के निगरानी कैम्पों की देखरेख का उत्तरदायित्व भी बड़ी कुशलता से संभाला था।
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बिग्रेडियर रघुवीर सिंह सोढ़ा सेना से रिटायर होने के बाद तीन बार सरपंच भी रहे। |
सामाजिक सेवा का कार्य भी बखूबी निभाया
सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद बिग्रेडियर रघुवीर सिंह राजावत ने सामाजिक सेवा का कार्य भी बखूबी निभाया। वे अपने गांव सोढ़ा के तीन बार सरपंच रहे। बिग्रेडियर रघुवीर सिंह राजावत के दो पुत्र हैं। बड़े बेटे संग्राम सिंह भी भारतीय सेना में मेजर रहे। छोटे बेेटे नरेन्द्र सिंह राजावत राजपूत सभा जयपुर के तीन बार अध्यक्ष रहे है।बिग्रेडियर रघुवीर सिंह राजावत के बाद उनकी पौत्री एवं नरेन्द्र सिंह राजावत की पुत्री छवि राजावत भी सोडा ग्राम पंचायत की तीन बार सरपंच रही हैं। वहीं राजावत के दामाद रणविजय सिंह भी सेना में कार्यरत रहे हैं। वे सेना से कर्नल के पद से सेवानिवृत हुये हैं। ब्रिगेडियर रघुवीर सिंह जी की पुत्री एवं रणविजय सिंह की पत्नी आशा कंवर का पिछले माह ही देहांत हुआ है.
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सीएम अशोक गहलोत ने जताया शोक। |
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