Sunday, April 25, 2021

श्री क्षत्रिय युवक संघ: राजपूत समाज की सामूहिक संस्कारमयी मनावैज्ञानिक कर्मप्रणाली

राजपूत समाज की 'सामूहिक संस्कारमयी मनावैज्ञानिक कर्मप्रणाली' है श्री क्षत्रिय युवक संघ-Founder of Shri kshatriy yuvak sangh Tan Singh Barmer
श्री तनसिंह जी संघ के प्रथम संचालक निर्वाचित हुए।

आधुनिक भारत में आजादी से करीब दो वर्ष पहले सन् 1944 को राजस्थान के झुंझुनूं जिले के पिलानी राजपूत छात्रावास में शुरू हुआ 'श्री क्षत्रिय युवक संघ' देशभर में क्षत्रिय समाज की 'सामूहिक संस्कारमयी मनावैज्ञानिक कर्मप्रणाली' है। शुरुआती दौर में अन्य संस्थाओं की तरह कार्य करने वाली यह संस्था आज देशभर में समग्र क्षत्रिय समाज को संस्कारित करने की दिशा में कार्यरत अग्रणी संस्था है। 22 दिसंबर, 1946 को श्री क्षत्रिय युवक संघ अपने वर्तमान स्वरूप में सामने आया। उसके बाद से यह लगातार क्षत्रिय समाज को क्षत्रियोचित्त व्यवहार, संस्कार और मूल्यों के आधार पर आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है। 


श्री तन सिंह जी द्वारा संघ की स्थापना की गई

श्री क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना परम पूज्य श्री तन सिंह जी द्वारा की गई। आपका जन्म 25 जनवरी 1924 तद्नुसार माघ कृष्णा चतुर्थी संवत 1980 को अपने ननिहाल बैरसियाला (जैसलमेर) में हुआ। श्री तन सिंह जी पिता बाड़मेर के रामदेरिया गांव के ठाकुर बलवंत सिंह महेचा एवं ममतामयी माता श्रीमती मोतीकंवर जी सोढ़ा थीं। श्री तन सिंह जी शिक्षा दीक्षा राजस्थान के बाड़मेर, जोधपुर, झुंझुनूं के पिलानी और महाराष्ट्र के नागपुर में हुई। आपने नागपुर से वकालत की पढ़ाई पूरी कर बाड़मेर में वकालत की। पूज्य तनसिंह जी संघ के प्रथम संचालक थे। श्री तन सिंह जी ने अपनी लेखनी अनूठा साहित्य भी लिखा। आपकी 14 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। ये पुस्तकें आज पथप्रेरक के रूप में संपूर्ण समाज का मार्गदर्शन कर रही हैं।


श्री तन सिंह जी का राजनीतिक-सामाजिक सफर

श्री तन सिंह जी 1949 में बाड़मेर नगरपालिका के प्रथम अध्यक्ष निर्वाचित हुए। उसके बाद 1952 के आम चुनावों में महज 28 वर्ष की उम्र में बाड़मेर से ही राजस्थान की प्रथम विधानसभा के लिए विधायक चुने गए। उस समय वे कुछ समय के लिए संयुक्त विपक्ष के नेता भी रहे। उसके बाद 1957 में श्री तन सिंह जी फिर विधायक बने। आप 1962 में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। उसके बाद श्री तन सिंह जी 1967 का चुनाव हार गए तो उन्होंने स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ किया। इस दौरान अपने कई साथियों को रोजगार उपलब्ध करवाया। 1977 में वे पुनः इसी क्षेत्र से सांसद चुने गए। 7 दिसंबर 1979 पूज्य श्री तन सिंह जी का देवलोकगमन हो गया। आपने अपने संपूर्ण जीवनकाल में किंकर्त्तव्यविमूढ क्षत्रिय समाज को उसका नैसर्गिक मार्ग प्रदान करने का कार्य किया। 

tan singh barmer founder of shri kshatriy yuvak sangh-लीडिंग लीडर ऑफ राजपूज समाज तन सिंह बाड़मेर
तन सिंह 28 वर्ष की उम्र में बाड़मेर से राजस्थान की प्रथम विधानसभा के लिए विधायक चुने गए। फाइल फोटो


वर्तमान में श्री भगवान सिंह जी रोलसाहबसर के पास है संघ की जिम्मेदारी

श्री तनसिंह जी संघ के प्रथम संचालक निर्वाचित हुए। उसके बाद 1949 में श्री तनसिंह जी पुनः संघप्रमुख निर्वाचित हुए। 1954 में उन्होंने स्वयं निर्वाचन प्रक्रिया से अलग रहकर अपने निकटतम सहयोगी श्री आयुवान सिंह हुडील को संघप्रमुख बनवाया। 1959 में भी तनसिंह जी ने फिर ऐसा ही किया। आयुवान सिंह जी द्वारा पूर्ण कालिक राजनीति में जाने के लिए त्यागपत्र देने के बाद श्री तनसिंह जी पुनः संघप्रमुख चुने गए और 1969 तक संघप्रमुख रहे। 1969 में श्री तन सिंह जी ने संगठन के युवा नेतृत्व को आगे लाते हुये अपने श्रेष्ठतम अनुयायी श्री नारायणसिंह जी रेड़ा को संघप्रमुख बनाया। श्री नारायण सिंह जी ने दस वर्ष तक संघ को सींचा। उन्होंने 1979 से 1989 तक संघ प्रमुख के रूप में संघ का संचालन किया। उसके बाद संघ का संचालन वर्तमान संघ प्रमुख श्री भगवान सिंह रोलसाहबसर के पास आया। वे संघ के चौथे संघ प्रमुख हैं। श्री भगवानसिंह जी आज अपने प्रत्येक सहयोगी के लिए अनासक्त एवं निर्विकार मार्गदर्शक बनकर मार्गदर्शन कर रहे हैं। वे उन्हें अंगुली पकङकर जीवन लक्ष्य की ओर बढ़ा रहे हैं। 

श्री क्षत्रिय युवक संघ-राजपूत समाज की सामूहिक संस्कारमयी मनावैज्ञानिक कर्मप्रणाली-shri kshatriy yuvak sangh
भगवान सिंह रोलसाहबसर (फाइल फोटो)


संघ के बारे में सबकुछ जानने के लिये विजिट करे ये साइट

क्षत्रिय युवक संघ की कार्यप्रणाली, संगठन शक्ति और समाज के प्रत्येक वर्ग से संवाद का सफर काफी लंबा है। संघ आज अपने विचार और लक्ष्य के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। संघ की भूमिका और उसके कार्यक्षेत्र को एक या दो आलेख में समेटना बेहद मुश्किल है। संघ की व्यापकता और उसका उद्देश्य काफी विस्तृत हैं। इसे समझने के लिये आप संघ की वेबसाइट https://shrikys.org/ पर विजिट कर सकते हैं। इसके माध्यम से आप संघ की प्रत्येक गतिविध से रू-ब-रू हो सकते हैं।


जय संघ शक्ति। 


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